हरि ब्यापक सर्बत्र समाना। प्रेम तें प्रगट होहिं मैं जाना


हरि ब्यापक सर्बत्र समाना। प्रेम तें प्रगट होहिं मैं जाना॥        देस काल दिसि बिदिसिहु माहीं। कहहु सो कहाँ जहाँ प्रभु नाहीं॥
मैं तो यह जानता  हूँ कि भगवान सब जगह समान रूप से व्यापक हैं, जहां प्रेम हो वहाँ वे प्रकट हो जाते हैं| देश, काल, दिशा, विदिशा में बताओ, ऐसी जगह कहाँ है, जहाँ प्रभु न  हों|
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हरि ब्यापक सर्बत्र समाना। प्रेम तें प्रगट होहिं मैं जाना
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Mothercare School Garden in September, Lucknow Photo Journal