भायँ कुभायँ अनख आलस हूँ। नाम जपत मंगल दिसि दसहूँ॥


भायँ कुभायँ अनख आलस हूँ। नाम जपत मंगल दिसि दसहूँ॥
अच्छे भाव (प्रेम) से, बुरे भाव (बैर) से, क्रोध से या आलस्य से, किसी तरह से भी नाम जपने से दसों दिशाओं में कल्याण होता है।
#Jai Sri Ram #Jai Hanuman
भायँ कुभायँ अनख आलस हूँ। नाम जपत मंगल दिसि दसहूँ॥
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